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Submitted by Surendra Purohit on 2013-10-30 09:11:52
दिन की शुरुवात सीताफल के साथ
कोशीवाडा इस बार सीताफल की पैदावार बहुतायत में हुयी हैं। सवेरे खेत पर जाते हुए कीसान के हाथ में नाश्ते के रुप में सीताफल ही होते हैं। गांव के चैराये और गलियो में सभी जगह लोग सीताफल खाते दिखेगें विशेषकर बच्चे । बच्चो को सीताफल बडे अच्छे लगते हैं। गा्रमीणो के लिए सीताफल ही सबसे सस्ता एवं स्वादीष्ट फल है। वैसे सीताफल में भी जो फल डाली पर ही पकता हैं जिसे डालपाक सीताफल बोलते हैं उसका स्वाद गजब का होता है वह गजब मीठास लिये हुये होता हैं।
श्राद्ध पक्ष एवं नवरात्री मे हुयी बारीश से सीताफल की पैदावार अच्छी हुयी हैं। हालाकी ग्राम पंचायत ने इस बार सीताफलो की बिकी्र के लिए टेन्डर कीये थे जिसमें केलवाडा के कान्टे्रक्टर को यह टेन्डर मिला। परन्तु गा्रमीण अपने खेतो से सीताफल लाकर पकाते हैं। इनको पकाने के लिए सामान्यत घास या फिर बोरी का उपयोग करते है। बोरी, घास फुस एवं अन्य साधनो से इतना ढककर रखते है कि कही से इन्हे हवा नही लगे। और लगभग दो तीन दिन बाद ये पक जाते हैं।
